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भास्कर एक्सप्लेनर- भैंसों की दौड़, ब्लेड बांधकर मुर्गों की लड़ाई: बेंगलुरु में हुई कंबाला रेस और उसी तरह के अजीबो-गरीब खेलों की कहानी

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एक दिन पहले

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पिछले साल एक बेहद पॉपुलर फिल्म आई थी- कांतारा। इसके शुरुआती सीन में ही दो भैंसों को खेत में दौड़ाते हुए हीरो की एंट्री होती है। फिल्म का यह सीन काफी पॉपुलर हुआ। भैंसों को दौड़ाने वाले इस खेल का नाम है कंबाला। 25 नवंबर, यानी बीते शनिवार को बेंगलुरु में पहली बार कंबाला का आयोजन हुआ।

इस खेल पर 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। दो साल बाद राज्य सरकार ने कानून बदलकर इसे दोबारा चालू कर दिया। परंपरा के नाम पर खेला जाने वाला ये अजीबो-गरीब खेल इकलौता नहीं है।भास्कर एक्सप्लेनर में परंपरा के नाम पर मुर्गों, बुलबुल से लेकर सांड और इंसानों के बीच कराई जाने वाली लड़ाइयों के बारे में जानेंगे…

कंबाला रेस का आयोजन 25 और 26 नवंबर को बेंगलुरु के पैलेस ग्राउंड में किया गया। इसमें भैंसों के 175 जोड़ों ने ह‍िस्‍सा ल‍िया।

कीचड़ में खेले जाने वाली भैंसों की कंबाला रेस आमतौर पर छोटे

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